कौरोना प्रकोप से अर्थी के लिए नहीं मिले चार कंधे

कोरोना  का डर इंसान में इतना समा गया है कि अब साधारण मृत्यु हो जाने पर भी लोग उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए तैयार नहीं है बलरामपुर का रहने वाला दद्दन काम की तलाश में लुधियाना आ गया यहां वह अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ मजदूरी कर अपना गुजारा कर रहा था उसकी पत्नी 9 माह के गर्भ से थी और वह  कोरोनासंकट केद्वाराकेके लोक डाउन के बीच में लुधियाना में ही फंस गया 26 अप्रैल को उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ी तो वह उसे अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन  मृत महिला की कोरोनावायरस का सैंपल लेब भेजा और शव  को अपनी कस्टडी में रखा मृत महिला का पति दद्दन अपने मासूम बच्चों को लेकर घर से अस्पताल और अस्पताल से घर 3 दिन चक्कर लगाता रहा 30 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई अस्पताल प्रशासन नेशव उसे सौंप दिया लेकिन पड़ोसियों ने कोरोना वायरस के चलते शव   को कंधा देने से हाथ खड़े कर दिए तब दद्दन ₹27000 का कर्ज लेकर एंबुलेंस से अपनी पत्नी का शव गांव लाया जहां उसने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया


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