मध्यप्रदेश की कमान संभाल सकते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
ग्वालियर। एक लंबे समय से मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी के अंदर ही अनदेखी की जा रही थी, ज्योतिरादित्य ने कई बार पार्टी शीर्ष नेतृत्व को अपनी नाराजगी भी जताई थी। लेकिन मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की टीम ने श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को हमेशा पार्टी से दूर बनाए रखा। यहां यह बताना मुनासिब होगा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की एहम भूमिका रही है। लगभग 15 साल से भाजपा शासित शासन को खत्म करने में कांग्रेस के पास एक ही चेहरा था वह युवा चेहरा था ज्योतिरादित्य सिंधिया और उस यूवा चेहरे की बदोलत ही ग्वालियर चंबल संभाग में सबसे अधिक सीटें हासिल करने में कांग्रेस को सफलता मिली लेकिन उसके बावजूद भी पार्टी के अंदर सिंधिया की अनदेखी की जा रही थी जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से 9 मार्च को इस्तिफ दे दिया और आज प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री के साथ बैठक भी हुई खबर लिखे जाने तक ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा कार्यालय में पहुंचने वाले हैं जहां उनको पार्टी की सदस्यता प्रदान की जायेगी। और ऐसी उम्मीद जताई जाती है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को श्याम तक भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया जाये और उन्हें मध्यप्रदेश की कमान सौंप दी जाये। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश की कमान सौंपी जाती है तो यह प्रदेश और उसकी जनता के लिये बड़ी खुशी की बात होगी खासकर ग्वालियर चंबल संभाग से लोगों में एक खुशी का इज्हार देखा जा रहा है।